राजकीय महाविद्यालय ,फरीदपुर (बरेली )
;महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली से सम्बद्ध
(नैक द्वारा मूल्यांकित)
संक्षिप्त परिचय
महाविद्यालय बरेली जनपद के तहसील मुख्यालय फरीदपुर से लगभग तीन कि. मी. पूर्व में बरेली-शाहजहाँपुर राजमार्ग पर स्थित हैं। तहसील में उच्च शिक्षा की व्यवस्था न होने के कारण विद्यार्थियों को यहाँ से दूर जाना पड़ता था, जहाँ गरीब और निर्बल वर्ग के विद्यार्थियों का जाना संभव नहीं हो पाता था, जिसके कारण वह उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते थे। इस समस्या के समाधान की मांग बहुत दिनों से की जा रही थी, जिस पर तत्कालीन सांसद मा. राजवीर सिंह ने ध्यान दिया तथा अपने प्रयासों से शासन द्वारा इस कस्बे में राजकीय महाविद्यालय स्थापित करवा कर अविस्मरणीय कार्य किया। उ. प्र. शासन ने राजाज्ञा सं. 2717/ सत्तर- 5-98-40 (159) /97 दिनांक 17.10.1998 द्वारा इस महाविद्यालय की स्थापना की।
महाविद्यालय के पास कुल 11.25 एकड़ भूमि है। जिसमें उत्तर प्रदेश शासन द्वारा बनवाया गया समस्त सुविधाओं से युक्त आकर्षक भव्य भवन एवं विशाल क्रीड़ांगन है। इस भवन का शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री मा. कल्याण सिंह द्वारा सन् 1998 में किया गया तथा इसका लोकार्पण 24 मई 1999 को तत्कालीन उच्च शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा मंत्री मा. नरेन्द्र सिंह गौर ने किया। महाविद्यालय में बी. ए. कक्षाओं के शिक्षण की व्यवस्था है। बी.ए.में पाँच सेक्शन स्वीकृत है। बी. ए. प्रथम वर्ष में बढ़ी हुई सीटों के साथ (पाँच सेक्शन ग्80 सीटे) कुल 400 सीटें स्वीकृत है। शासन द्वारा इस महाविद्यालय में प्राचार्य का 01, प्राध्यापक के 09, तृतीय श्रेणी के 02 तथा चतुर्थ श्रेणी के 05 पद सृजित है। वर्ष 2007 में महाविद्यालय को विश्वविद्यालय से स्थायी सम्बद्धता प्राप्त हुई। वर्ष 2008 में महाविद्यालय को यू. जी. सी. नई दिल्ली से सेक्शन 2 (ि) व 12 (इ)दर्जा प्राप्त हुआ। सितम्बर 2012 में महाविद्यालय का छ।।ब् मूल्यांकन कराया गया है। बी. एस.सी., बी. कॉम तथा एम. ए. की कक्षाएं सत्र 2019-20 से महाविद्यालय में संचालित है।
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रैगिंग एक कानूनी अपराध है | रैगिंग करने बाले किसी छात्र /छात्रा के विरुद्ध महाविद्यालय स्तर पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उसे महाविद्यालय से निष्कासित किया जा सकता है तथा रैगिंग को अपराध मानते हुए सम्बंधित छात्र/छात्रा के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही भी की जाएगी | महाविद्यालय में छात्र /छात्रा के उत्पीड़न एवं छेड़खानी की रोकथाम हेतु पूरा महाविद्यालय प्रशासन सजग एवं सतर्क रहता है |महाविद्यालय का पूरा शास्ता मंडल खाली वादनो में परिसर में भ्रमण पर रहता है | महाविद्यालय में प्रवेश के समय प्रवेश आवेदन पत्र के साथ संलंग्न vH;FkhZ }kjk रैगिंग सम्बन्धी शपथ पत्र तथा अभिभावक }kjkरैगिंग सम्बन्धी शपथ पत्र लगाना होता है
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कला संकाय (त्रिवर्षीय पाठयक्रम)
बी. ए. प्रथम वर्ष -
(क) अनिवार्य विषय- हिन्दी भाषा और सामान्य अंग्रेजी में से कोई एक विषय लेना अनिवार्य है।
(ख) वैकल्पिक विषय - निम्नलिखित में से कोई तीन विषय लिए जा सकते है, परन्तु तीन साहित्यिक विषय एक साथ नहीं लिए जा सकते-
1. हिन्दी साहित्य 2. अंग्रेजी साहित्य
3. संस्कृत 4. समाज शास्त्र
5. अर्थशास्त्र 6. राजनीति शास्त्र
7 गृह विज्ञान (केवल छात्राओं के लिए) 8. शारीरिक शिक्षा
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(क) क्वालीफाइंग कोर्स-स्नातक में किसी एक वर्ष में पर्यावरण विज्ञान में उत्तीर्ण होने पर ही स्नातक की डिग्री प्रदान की जाती है। अतः बी. ए. प्रथम वर्ष में ही इस विषय की परीक्षा देकर उत्तीर्ण होने सुझाव दिया जाता है। बी. ए.प्रथम वर्ष में अनुत्तीर्ण होने पर बी. ए. तृतीय वर्ष में भी परीक्षा दी जा सकती है।
(घ) अनिवार्य विषय- खेल एवं शारीरिक शिक्षा- इसमें एक प्रश्न पत्र तथा प्रयोगात्मक परीक्षा होगी। जिसे प्रत्येक वर्ष उत्तीर्ण करना होगा, इसके अंक जोड़े नही जायेंगे।
(ड़) अभ्यर्थी अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र तथा राजनीति शास्त्र विषय में से अधिकतम दो विषय का चयन कर सकते हैं।
2. बी. ए. द्वितीय वर्ष - मुख्य विषय- जो बी. ए. प्रथम वर्ष में लिए गये थे।
अनिवार्य विषय - खेल एवं शारीरिक शिक्षा- इसकी परीक्षा बी. ए. प्रथम वर्ष की ही भाँति होगी जिसे
- उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा लेकिन इसके अंक परिणाम में जुड़ेंगे नहीं।
3. बी. ए. तृतीय वर्ष बी. ए. प्रथम वर्ष एवं द्वितीय वर्ष में भाषा को छोड़कर लिए गये तीन वैकल्पिक
विषयों में से कोई दो विषय लिये जा सकते हैं। पर्यावरण विज्ञान की परीक्षा बी. ए.
प्रथम वर्ष में अगर उत्तीर्ण नहीं की है तो इस वर्ष उत्तीर्ण करना
- अनिवार्य होगा।.
अनिवार्य विषय खेल एवं शारीरिक शिक्षा (बी. ए. द्वितीय वर्ष की भाँति)
4. एम.ए. प्रथम वर्ष - हिन्दी, अग्रेजी, संस्कृत, समाजशास्त्र, गृहविज्ञान, अर्थशास्त्र, राजनीतिक शास्त्र
5. एम.ए. द्वितीय वर्ष - हिन्दी, अग्रेजी, संस्कृत, समाजशास्त्र, गृहविज्ञान, अर्थशास्त्र, राजनीतिक शास्त्र